<1.

SHAAN E ZAMEEN


MONTHLE MAGAZINE




  1. * MONTHLY MAGAZINE*   *M.P.Bhopal*


*हर अपराध पर 👀 नज़र*



  • *किस तरह कुछ चंद ट्राफिक*
             *पुलिस वाले*
                 *5-5 रू.*
     *के  लिए अपना ईमान को*
         *ताक में रख देतें है*


 🌈 *ट्राफिक पुलिस* 🌈 *और उनके पाले हुऐ दलालों*   *द्वारा गरीब आटो वालों से*
*रेलवे स्टेशनों पर 5-5रुपये*    
         *की खुलेआम*
....... *अवैध वसूली*..............


 ➖➖➖➖➖➖➖➖
              *SHAAN E ZAMEEN*
  *हर अपराध पर 👀 नज़र*
➖➖➖➖➖➖➖➖


*जब कोई गरीब आटो वाला* *सिटी से रेलवे स्टेशनों की* *तरफ सवारी छोड़ने जाता* *है।*
*सवारी आटो से उतर कर* *प्लेटफार्म की तरफ जैसे ही* *मुड़ती है*
*और फिर तुरंत ही आटो* *वाला भी सिटी तरफ लौटने*
*को मुडता है*
*तो उस गरीब से 6 नं* *प्लेटफार्म की तरफ पुलिस*
*के दलाल और 1नं प्लेटफार्म* *कि*
*तरफ ट्राफिक पुलिस*
*वाला 5 रुपया मांगता* *किन्तु1नं के इस तरफ*
*ट्राफिक वाला रोज़ नहीं* *मांगता है। हबीबगंज*
*स्टेशन 1नं प्लेटफार्म की* *तरफ ट्राफिक पुलिस*
*वालों के दलालोंद्वारा*
*5-5रुपया की अवेध वसूली*
*की जाती है।*
*वहीं वसूलते हैं या थोड़ाआगे* *जाकर आटो वाले*
*को रोकते हैं।यह अवेध* *वसूली आज से नहीं पिछले* *कई वर्षों से कि जा रही है* *पहले पुलिस वाले दडेगम*
*यानी बिन्दास ज़बरदस्ती* *डरा-धमका कर वसूली करते* *थे।*
*पर अब शिकायतें आला* *अधिकारियों तक पहुंचने*
*लगी*
*है*
*इस लिए दलालों को ठेका दे* *दिया है।*
*पूछे जाने पर झूठ बोलना* *भ्रामित करना अनेकों तरह* *के बहाने बनाना शुरू कर* *देते हैं।*
*जैसे के यह स्टेण्ड का* *किराया है*
*या अन्य बहाना।*
*जबकि स्टेशन के आटो वाले* *सिटी से आनेआटो वालों को* *सवारी बैठाने ही नहीं देते हैं* *खाली वापस जाते हैं एक* *और*
*यह भी जानकारी हासिल*
*करें की सिटी के आटो वालों* *में*
*और*
*स्टेशन के आटो वालों में* *अनतर है।*
*स्टेशन केआटो वालों की*
*तुलना में सिटी के*
*आटो वाले ज़ियादा मेहनत* *करते हैं*
*और*
*उन्हीं का शोषण होता है!*।*जबकि सही नियम यह है*
*कि पुर्व में सरकार द्वारा ट्रेन* *यात्रायों की सुविधा के लिए*
*जब कोई यात्री ट्रेन से उतर* *कर प्लेटफार्म से बाहर*
*आता है*
*वहीं पर पुलिस चौकी से* *आटो प्रीपेड से पर्ची कटवा*
*कर उचित किराया यात्री से* *वसूला जाता रहा है।*
*और*
*मात्र एक रुपया अलग से*
*लिये जाने का आदेश है।* *किन्तु उसकी आडमें यह* *गलत हरकतें करतें हैं।*
*परन्तु अब वर्तमान स्थिति*
*यह*
*है* 
*की ओला कम्पनी के द्वारा* *कार टेक्सी एवंम आटो* *ओनलाइन बुक होने लगे है ऐसी स्तीथी में पुलिस प्रीपेड* *आटो लोगों ने इस्तेमाल कम* *कर दिया है।*
*किराया भी केश के बजाय* *ओनलाइन होता है।*
*5-रुपया नहीं देने पर*
*अब्शब्द का प्रायोग किया*
*जाता है*
*लाईसेंस मांगा जाता है*
*आटो के कागज़ात मांग़ा*
*जाता है।*
*गाड़ी जप्त करने की धमकी*
*दी जाती है।*
*और* 
*अगर कोई अडजाऐ*
*मामला गम्भीर का होने का* *आभास होते ही*
*थोड़ी देर बाद छोड़ दिया* *जाता हैं।*
*यहां पाइंट नोट करते हुए*
*ध्यान दें की 5 रुपया लेने का* *यदि अगर नीयम होता तो* *नहीं देने पर उसका जुर्माना* *लगाया जाना चाहिए था?* *इसके बदले में अन्य*
*दस्तावेज़ कियों मांगा जाता* *है?*
*अभी तक मामला इस लिए* *उजागर नहीं हुआ था।*
*केवल आटो वालों से वसूली* *करते आ रहे हैं।*
*आटो वालों के साथ* *इमानदारी से हक़ में बोलने* *वाला कोई नहीं है?*
*यह आटो वाले बेचारे*
*परिवार चलाने के लिए*
*दिन भर बड़ी मेहनत करते हैं* *यकीन न हो तो*
*कोई इनके साथ एक दिन* *चलकर देखले?*


✍✍✍✍✍✍✍✍


*शर्म आनी चाहिए एसे*
*पुलिस वालों को और इस से* *जुड़े हुए लोगों को*
*चुल्लू भर पानी में डूब मरें*
*5 रुपया तो क्या 1 रुपया भी* *लेना अन्याऐ होगा?*
*केवल इतने से पैसे के लिए* *अपना ज़मीर खराब कर*
*दिया है।*
*पहले भी शिकायत हो*
*चुकी है।*
*लेकिन मामले को किसी न* *किसी तरीके से दबा दिया* *जाता है।*
*रमज़ान के महीने में*
*इस 5 रुपये के चक्कर में* *दलालों ने*
*और*
*ट्राफिक पुलिस वाले ने*
*रोज़ा खराब किया था।*
*इस लिएअवेध वसूली बंद*
*नहीं हो जाती*
*तब तक चुप नहीं बैठुंगा?* *और*
*कुछ दिनों के लिए अवेध* *वसूली बंद करदी जाती है।*
*और अब भी भनक लगते ही* *अवेध वसूली बंद कर दी* *जाऐगी?*
*बहुत ही चालाकी व  चतूराई*
*से गलत हरकतें की जा रही हैं।अब सदा के लिए बन्द होना* 
*चाहिए नहीं मानने पर कड़ी*
*से कड़ी कार्यवाही की जाऐ।*
    


 


*SHAAN E ZAMEEN*
*News By: REHANA *
*&*
*AZAAM KHAN*


🖥 *LIFE OK* 🖥
*National News paper*   *M.P.Bhopal*


*हर अपराध पर 👀 नज़र*


*किस तरह कुछ चंद ट्राफिक*
         *पुलिस वाले*
             *5-5 रू.*
 *के  लिए अपना ईमान को*
     *ताक में रख देतें है*


 🌈 *ट्राफिक पुलिस* 🌈 *और उनके पाले हुऐ दलालों*   *द्वारा गरीब आटो वालों से*
*रेलवे स्टेशनों पर 5-5रुपये*    
         *की खुलेआम*
....... *अवैध वसूली*..............


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              *LIFE OK*
  *हर अपराध पर 👀 नज़र*
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*जब कोई गरीब आटो वाला* *सिटी से रेलवे स्टेशनों की* *तरफ सवारी छोड़ने जाता* *है।*
*सवारी आटो से उतर कर* *प्लेटफार्म की तरफ जैसे ही* *मुड़ती है*
*और फिर तुरंत ही आटो* *वाला भी सिटी तरफ लौटने*
*को मुडता है*
*तो उस गरीब से 6 नं* *प्लेटफार्म की तरफ पुलिस*
*के दलाल और 1नं प्लेटफार्म* *कि*
*तरफ ट्राफिक पुलिस*
*वाला 5 रुपया मांगता* *किन्तु1नं के इस तरफ*
*ट्राफिक वाला रोज़ नहीं* *मांगता है। हबीबगंज*
*स्टेशन 1नं प्लेटफार्म की* *तरफ ट्राफिक पुलिस*
*वालों के दलालोंद्वारा*
*5-5रुपया की अवेध वसूली*
*की जाती है।*
*वहीं वसूलते हैं या थोड़ाआगे* *जाकर आटो वाले*
*को रोकते हैं।यह अवेध* *वसूली आज से नहीं पिछले* *कई वर्षों से कि जा रही है* *पहले पुलिस वाले दडेगम*
*यानी बिन्दास ज़बरदस्ती* *डरा-धमका कर वसूली करते* *थे।*
*पर अब शिकायतें आला* *अधिकारियों तक पहुंचने*
*लगी*
*है*
*इस लिए दलालों को ठेका दे* *दिया है।*
*पूछे जाने पर झूठ बोलना* *भ्रामित करना अनेकों तरह* *के बहाने बनाना शुरू कर* *देते हैं।*
*जैसे के यह स्टेण्ड का* *किराया है*
*या अन्य बहाना।*
*जबकि स्टेशन के आटो वाले* *सिटी से आनेआटो वालों को* *सवारी बैठाने ही नहीं देते हैं* *खाली वापस जाते हैं एक* *और*
*यह भी जानकारी हासिल*
*करें की सिटी के आटो वालों* *में*
*और*
*स्टेशन के आटो वालों में* *अनतर है।*
*स्टेशन केआटो वालों की*
*तुलना में सिटी के*
*आटो वाले ज़ियादा मेहनत* *करते हैं*
*और*
*उन्हीं का शोषण होता है!*।*जबकि सही नियम यह है*
*कि पुर्व में सरकार द्वारा ट्रेन* *यात्रायों की सुविधा के लिए*
*जब कोई यात्री ट्रेन से उतर* *कर प्लेटफार्म से बाहर*
*आता है*
*वहीं पर पुलिस चौकी से* *आटो प्रीपेड से पर्ची कटवा*
*कर उचित किराया यात्री से* *वसूला जाता रहा है।*
*और*
*मात्र एक रुपया अलग से*
*लिये जाने का आदेश है।* *किन्तु उसकी आडमें यह* *गलत हरकतें करतें हैं।*
*परन्तु अब वर्तमान स्थिति*
*यह*
*है* 
*की ओला कम्पनी के द्वारा* *कार टेक्सी एवंम आटो* *ओनलाइन बुक होने लगे है ऐसी स्तीथी में पुलिस प्रीपेड* *आटो लोगों ने इस्तेमाल कम* *कर दिया है।*
*किराया भी केश के बजाय* *ओनलाइन होता है।*
*5-रुपया नहीं देने पर*
*अब्शब्द का प्रायोग किया*
*जाता है*
*लाईसेंस मांगा जाता है*
*आटो के कागज़ात मांग़ा*
*जाता है।*
*गाड़ी जप्त करने की धमकी*
*दी जाती है।*
*और* 
*अगर कोई अडजाऐ*
*मामला गम्भीर का होने का* *आभास होते ही*
*थोड़ी देर बाद छोड़ दिया* *जाता हैं।*
*यहां पाइंट नोट करते हुए*
*ध्यान दें की 5 रुपया लेने का* *यदि अगर नीयम होता तो* *नहीं देने पर उसका जुर्माना* *लगाया जाना चाहिए था?* *इसके बदले में अन्य*
*दस्तावेज़ कियों मांगा जाता* *है?*
*अभी तक मामला इस लिए* *उजागर नहीं हुआ था।*
*केवल आटो वालों से वसूली* *करते आ रहे हैं।*
*आटो वालों के साथ* *इमानदारी से हक़ में बोलने* *वाला कोई नहीं है?*
*यह आटो वाले बेचारे*
*परिवार चलाने के लिए*
*दिन भर बड़ी मेहनत करते हैं* *यकीन न हो तो*
*कोई इनके साथ एक दिन* *चलकर देखले?*


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*शर्म आनी चाहिए एसे*
*पुलिस वालों को और इस से* *जुड़े हुए लोगों को*
*चुल्लू भर पानी में डूब मरें*
*5 रुपया तो क्या 1 रुपया भी* *लेना अन्याऐ होगा?*
*केवल इतने से पैसे के लिए* *अपना ज़मीर खराब कर*
*दिया है।*
*पहले भी शिकायत हो*
*चुकी है।*
*लेकिन मामले को किसी न* *किसी तरीके से दबा दिया* *जाता है।*
*रमज़ान के महीने में*
*इस 5 रुपये के चक्कर में* *दलालों ने*
*और*
*ट्राफिक पुलिस वाले ने*
*रोज़ा खराब किया था।*
*इस लिएअवेध वसूली बंद*
*नहीं हो जाती*
*तब तक चुप नहीं बैठुंगा?* *और*
*कुछ दिनों के लिए अवेध* *वसूली बंद करदी जाती है।*
*और अब भी भनक लगते ही* *अवेध वसूली बंद कर दी* *जाऐगी?*
*बहुत ही चालाकी व  चतूराई*
*से गलत हरकतें की जा रही हैं।अब सदा के लिए बन्द होना* 
*चाहिए नहीं मानने पर कड़ी*
*से कड़ी कार्यवाही की जाऐ।*
    


 


*LIFE OK*
*News By:M.j Khan*
*&*
*Kareem Ulla*